चमन में फूल है बाकी ना, तुमसा फूल कोई । तुझे चाहा अगर मैंने बताइए, भूल है कोई।
मोहब्बत की गर्मी भी, क्या चीज है। तबीयत मेरी क्या से, क्या हो गई है।
आंखों में काजल भरा होठों पर है पान। आज किसका हो रहा है, ये कत्ल का इंतजाम।
रुला कर वापस जा रही हो प्यारी। दिल में जख्म गहरे हैं, तू टांके तो लगा जा प्यारी।
जालिम इतना घायल, कर दिया तूने। बुलाकर अपने घर बाप, से पिटवाया तूने।
तुम्हें पाने के लिए क्या, नहीं किया मैंने । दिन रात तेरी गली में, गुजार दिए मैंने।
पानी की जगह गम के, आंसू पीता हूं। तेरे प्यार की खातिर बाप के, डंडे खाता हूं।
कल बहारे थी यहां आज, फैली है खिज़ा। बिना तुम्हारे जिंदगी में अब, कहां है वो मजा।
इश्क बाजी वह करें जो, जान की बाजी करें | खुद को राजी करें और, माशूक को भूखा मारे।
ना लिखेंगे खत हम आज के बाद। क्योंकि हो गई है, पेन की स्याही महंगी |
आपकी कुतिया ने देखो कर, दिया घायल मुझे। मैं तो देने आया था तोहफे में, एक पायल तुझे।
मुझे परवाह नहीं दुनिया, खफा रहे, बस इतनी सी दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे।
दोस्तो से, दोस्ती रखा, करो तबियत, मस्त रहेगी, ये वो हक़ीम हैं, जो अल्फ़ाज़ से, दुरुस्त किया, करते हैं।
हर नई चीज अच्छी होती है लेकिन, दोस्त पुराने ही अच्छे होते हैं |
रिश्तों से बड़ी जरुरत क्या होगी, दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी, जिसे दोस्त मिल जाये तुम जैसा अनमोल, ज़िन्दगी से उसे और शिकायत क्या होगी।
हक़ीकत मोहब्बत की जुदाई होती है, कभी-कभी प्यार में बेवफाई होती है, हमारे तरफ हाथ बढ़ाकर तो देखो, दोस्ती में कितनी सच्चाई होती है।
सारे दोस्त एक जैसे नहीं, होते कुछ हमारे होकर भी, हमारे नहीं होते, आपसे दोस्ती करने के, बाद महसूस हुआ, कौन कहता है, 'तारे ज़मी पर' नहीं होते।
वो अच्छा है तो अच्छा है, वो बुरा है तो भी अच्छा है, दोस्ती के मिजाज़ में, यारों के ऐब नहीं देखे जाते।